सिद्धार्थ राजकीय महाविद्यालय नादौन में हिन्दी विषय को वर्ष १९९५ में महाविद्यालय के छात्रों को अनिवार्य तथा ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है I महाविद्यालय के पुस्तकालय में हिन्दी से सम्बंधित विविध समाचार पत्र , पत्रिकाएं , पुस्तकें इत्यादि विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन कर रही हैं I
एक भाषा के रूप में हिन्दी न सिर्फ़ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों ,संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक ,संप्रेषक और परिचायक भी है I बहुत सरल ,सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनियाभर मैं समझने , बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं I यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है जो हमारे पारम्परिक ज्ञान प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है I हिंदी भारत संघ की राजभाषा होने के साथ ही ग्यारह राज्यों तथा तीन संघ शासित क्षेत्रों की भी प्रमुख राजभाषा है I संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओँ के साथ हिन्दी का एक विशेष स्थान है I
१४ सितम्बर ,१९४९ का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण है I इसी दिन संविधान सभा ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप मैं स्वीकार किया था I इस निर्णय को महत्त्व देते के लिए हर साल १४ सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया है I
भाषा वही जीवित रहती है जिसका प्रयोग जनता करती है I भारत में लोगों के बीच संवाद का सबसे बेहतर माध्यम हिंदी है I इसलिए इसको एक-दूसरे में प्रचारित करना चाहिए I अतः सभी महानुभावों , कर्मचारियों , विद्यार्थियों इत्यादि से विनम्र निवेदन किया जाता है की वे बोलचाल की भाषा मैं भी हिंदी का ही उपयोग करें I हिंदी भाषा के प्रसार से पूरे देश में एकता की भावना और मजबूत होगी I
जय हिन्दी , जय हिन्द